डॉ. भीमराव अंबेडकर: 10 शानदार डिग्रियां जिन्होंने उन्हें भारत के निर्माता बनाया! और इतिहास रचने के लिये काफी थी
1. बीए (ऑनर्स), अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान (1912): बॉम्बे विश्वविद्यालय से प्रथम स्थान प्राप्त करते हुए, डॉ. अंबेडकर ने अपनी शैक्षणिक यात्रा की शुरुआत की।
2. एमए (अर्थशास्त्र), कोलंबिया विश्वविद्यालय (1915): उन्होंने उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाने वाले पहले भारतीयों में से एक थे।
3. डीएससी (अर्थशास्त्र), लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (1923): अपनी प्रतिभा से उन्होंने लंदन विश्वविद्यालय में सर्वोच्च डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की।
4. बार-एट-लॉ, ग्रे'ज़ इन (1924): उन्होंने कानून की बारीकियों का अध्ययन किया और वकील बनने का लक्ष्य हासिल किया।
5. एमए (दर्शन), कोलंबिया विश्वविद्यालय (1927): दर्शन के प्रति गहरी रुचि रखते हुए उन्होंने यह मास्टर डिग्री भी हासिल की।
6. डी.फिल (कानून), लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (1927): अपनी डॉक्टरेट थीसिस "द अनटचेबल्स: ए स्टडी ऑफ सोशियल ऑस्ट्रैसिज़्म" के लिए प्रसिद्ध, जिसने जाति व्यवस्था का गहराई से विश्लेषण किया।
7. बीए (संस्कृत), बॉम्बे विश्वविद्यालय (1935): भारतीय संस्कृति और भाषाओं के प्रति प्रेम को दर्शाते हुए उन्होंने संस्कृत में स्नातक की डिग्री हासिल की।
8. एलएल.डी (ऑनर्स कैउसा), कोलंबिया विश्वविद्यालय (1952): उनके असाधारण योगदानों को सम्मानित करते हुए, कोलंबिया विश्वविद्यालय ने उन्हें यह मानद उपाधि प्रदान की।
9. डी.लिट (ऑनर्स कैउसा), ऑस्मानिया विश्वविद्यालय (1953): सामाजिक न्याय और शिक्षा के क्षेत्र में उनके अमूल्य कार्यों के लिए उन्हें यह सम्मान मिला।
10. भारत रत्न (1997): मरणोपरांत, उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया गया, जो देश के प्रति उनके अद्वितीय योगदान को दर्शाता है।
10. भारत रत्न (1997): मरणोपरांत, उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया गया, जो देश के प्रति उनके अद्वितीय योगदान को दर्शाता है।